रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल 5/5 (6)

रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल

रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल – Ruhani Takat Badhane Ka Amal, रूहानी ताकत खुदा का दिया हुआ तोहफा है, इस इल्म से हम दुनिया मे कुछ भी हासिल कर सकते है. आज हम आपको अमल ए रूहानी अजायबात और मोहब्बत का रूहानी अमल बता रहे है. हम आपको तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल भी बतायेगे।

Ruhani Takat Badhane Ka Amal

दोस्तों अक्सर लोग हमें अपने सवा6ल भेजते है और जानना चाहते है आखिर क्यों उनके द्वारा किए गए अमल जल्दी असर नहीं करते? क्या अल्लाह उनसे किसी बात से नाराज़ हो गए है या फिर उन्होंने कोई गलत तरीका अपनाया है।

तो दोस्तों आपको बता दे किसी भी प्रकार के अमल, वजीफा या दुआ का असर तभी होता है, जब आप साफ पाक नियत के साथ उसे आज़माए। अपनी नियत को साफ रखने के लिए आप रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल अपना सकते है।

रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल

रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल

अक्सर हम केवल ऊपरी तौर पर शरीर आदि को स्वच्छ कर लेते है और समझते है कि हमारी नियत इससे जायज़ हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं है आपको अपने शरीर के साथ-साथ रूह को भी पाक करना होगा, जिसके लिए आप रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल की मदद ले सकते है।

  • रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल के लिए पाँच वक्त की नमाज की पाबंदी सबसे ज्यादा जरूरी है। जो व्यक्ति पाँचों वक्त की नमाज नेक नियत के साथ अदा करता है, उसकी रूह पवित्र हो जाती है और उनके ऊपर अल्लाह ताला की रहमत भी बनी रहती है।
  • रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल के लिए आपको हर जुमे को मस्जिद जाना है और सजदे में जाकर अपने गुनाहों की माफी मांगनी है। यह माफी आपको अपने दिल से मांगनी है और यदि इस दौरान आपकी आँखों से आँसू निकल जाए तो समझ जाए कि आपकी दुआ कबूल होने वाली है। आँसू निकलने का मतलब यही होता है कि आपको अपने किए गुनाहों का पछतावा हो रहा है।

मोहब्बत का रूहानी अमल

मोहब्बत का रूहानी अमल – Mohabbat Ka Rohani Amal, आज के समय में युवा दो जिस्मों के आकर्षण को ही मोहब्बत समझ लेते है। युवावस्था में विपरित लिंग के व्यक्ति के प्रति आकर्षण एक आम बात है, लेकिन उसे मोहब्बत का नाम नहीं दिया जा सकता। ये जिस्मानी मोहब्बत कुछ दिन ही चलती है और एक बार जिस्म की भूख शांत हो जाने के बाद खत्म हो जाती है।

ऐसे में जो व्यक्ति किसी के जिस्म की बजाय उसकी रूह से मोहब्बत करता है, उसकी कोई कद्र नहीं करता और वह अपने दिल की बात कहने में भी डरता है। ऐसे समय पर आप मोहब्बत का रूहानी अमल अपना सकते है। यदि किसी व्यक्ति से आप बिना स्वार्थ के सच्चे दिल से मोहब्बत करते है तो यकीनन मोहब्बत का रूहानी अमल आपके बेहद काम आएगा।

Mohabbat Ka Rohani Amal

  • मोहब्बत का रूहानी अमल की शुरूआत में आपको तीन बार दुरूद ए पाक पढ़ना है। इसके बाद अपने प्रेमी/प्रेमिका की तस्वीर सामने रख सूरह फातिहा 121 मरतबा पढ़ना है। मोहब्बत का रूहानी अमल के लिए अब तीन बार अपनी मोहब्बत का नाम ले और पानी पर दम करें।इसके बाद 41 बार आपको सुरह इख्लास पढ़ना है और मोहब्बत का रूहानी अमल के लिए पानी में दम करके पी जाए।

अंत में आपको एक बार फिर से तीन बार दुरूद ए पाक पढ़ना है। मोहब्बत का रूहानी अमल आपको जुमे की पहली रात को पढ़ना है।कुछ रोज़ तक यह मोहब्बत का रूहानी अमल अपनाने से इंशाल्लाह आपका प्यार आपके पास दौड़ा चला आएगा। ध्यान रखिए इस बात की खबर किसी अन्य व्यक्ति को नहीं होनी चाहिए कि आप मोहब्बत का रूहानी अमल अपना रहे है।

तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल

तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल – Teesri Aankh Kholne Ka Rohani Amal, बेहद ही खास और अनमोल है। इसकी मदद से आप आसानी से सही और गलत में फैसला कर सकते है। अक्सर ज़िन्दगी में ऐसा होता है कि हम किसी मोड़ पर आकर अटक जाते है और उसके बाद समझ नहीं आता कि आखिर हमें किस दिशा में जाना चाहिए।

ऐसे में समय में ये तीसरी आँख आपकी मदद कर सकती है। इसके अलावा कई बार सामने वाला व्यक्ति बड़ी मीठी-मीठी बाते करता है और हम उसकी बातों में आ भी जाते है। तीसरी आँख खोलने का रूहानी अमल की मदद से आप गलत और ढोंगी व्यक्तियों की आसनी से पहचान कर सकते है। तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल जानने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है।

Teesri Aankh Kholne Ka Rohani Amal

रूहानी आँख को बातिनी आँख भी कहते है, जो हमें सही राह पर लेकर जाती है। कई बार ऐसा होता है कि हम जीवन में बिल्कुल अकेले पड़ जाते है। यदि हमे किसी प्रकार की सलाह की जरूरत तो भी कोई आसपास नज़र नहीं आता। ऐसे समय पर आप अपनी तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल की मदद ले सकते है। तीसरी आँख हमारी मन की बात दर्शाती है, जो सीधे हमें अल्लाह से जोड़ती है।

कई बार ऐसा भी देखा गया है कि तीसरी आँख खोलने के रूहानी अमल के बाद लोगों को अचानक अल्लाह-अल्लाह की आवाज़े सुनाई देने लगती है। ऐसा केवल अल्लाह के नेक बंदो के साथ ही होता है, जिनकी नियत और दिल एकदम पाक होता है। तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल के लिए आप किसी बड़े मौलवी से भी संपर्क कर सकते है।

अमल ए रूहानी अजायबात

अमल ए रूहानी अजायबात – Amal E Rohani Aajayabat, की मदद से आप अपने जीवन में आने वाली सभी मुश्किलों का सामना कर सकते है। कई बार हमारी ज़िन्दगी में ऐसी परेशानी आ जाती है, जिनका सामना करना बहुत मुश्किल हो जाता है। उस समय ऐसा लगता है कि या तो ये दुनिया खत्म हो जाए या फिर अल्लाह जल्द से जल्द हमें अपने पास बुला ले।

लेकिन इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति की आयू निश्चित है और जो भी होता है सब अल्लाह की मर्जी से ही होता है। अल्लाह की मर्जी के बिना इस धरती पर एक पत्ता भी नहीं हिल सकता। अपनी ज़िन्दगी में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए अमल ए रूहानी अजायबात की मदद ले सकते है।

Amal E Rohani Aajayabat

  • अमल ए रूहानी अजायबात में आज हम आपको एक ऐसा वजीफा बता रहे है, जिसे पढ़कर आपकी रूह को बेहद सुकून मिलेगा, साथ ही आपके अपनी परेशानियों का हल भी मिल जाएगा। जब भी आप बेहद परेशान हो, या फिर तकलीफ में हो यह अमल ए रूहानी अजायबात पढ़ सकते है। अमल ए रूहानी अजायबात का वजीफा इस प्रकार है-

या हय्यू, या कय्यूम

दोस्तों यह वजीफा अगर आप अल्लाह की रहमत पर भरोसा रखकर पढ़ते है तो इंशाल्लाह आपको जरूर फायदा मिलेगा। इस वजीफे की खास बात ये है कि इसे आप किसी भी समय और कितनी भी बार पढ़ सकते है।

अगली बार आप जब भी किसी परेशानी या तनाव में हो तो बस कुछ देर आँखें बंद करके ये अमल ए रूहानी अजायबात पढ़े, आपको कोई ना कोई रास्ता जरूर मिल जाएगा।

Sabhi pathakgano ko assalamualaikum, khuda ke karam se aap sab khair se hoge. aaj aple liye laya hu rohani taqat badhane ka amal, wazifa, tarika or rohani taqat hasil karne ka amal. isko teesri aankh kholne ka rohani amal bhi kaha jata hai.

Dusra amal hai mohabbat ka rohani amal, jo apke mohabbat mai pareshaniyon ko palbhar mai dur kar dega. or tisra amal hai Amal E Rohani Aajayabat, aap sabhi amal ko dhayan se padhe or comment de.

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नफरत पैदा करने का वजीफा

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